बिल्कुल! आइए इंडक्टर (Inductor) के बारे में विस्तार से समझते हैं।
इंडक्टर क्या है? (What is an Inductor?)
इंडक्टर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट है जो चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) के रूप में ऊर्जा (Energy) को जमा (Store) करता है**। यह करंट में होने वाले *बदलाव (Change) का विरोध* करता है।
सीधे और सरल शब्दों में: जैसे कैपेसिटर बिजली को जमा करता है, वैसे ही इंडक्टर चुंबकत्व के रूप में ऊर्जा जमा करता है। यह करंट को अचानक बढ़ने या घटने से रोकता है और उसे Smooth करता है।
इकाई (Unit): इंडक्टर के Inductance को मापने की इकाई हेनरी (Henry – H) है। (मिलीहेनरी – mH, माइक्रोहेनरी – µH)
इंडक्टर कैसे बनता है? (Construction of Inductor)
इंडक्टर आमतौर पर तांबे के तार (Copper Wire) को एक कोर (Core) के चारों ओर कुंडली (Coil) के रूप में लपेटकर बनाया जाता है।
- कोर (Core): कोर हवा (Air), लोहा (Iron), फेराइट (Ferrite) या किसी अन्य चुंबकीय पदार्थ का हो सकता है। कोर का उपयोग Inductance बढ़ाने के लिए किया जाता है।
- कुंडली (Coil): जितनी ज्यादा बार तार को लपेटा जाएगा (Turns), Inductance उतना ही ज्यादा होगा।

इंडक्टर कैसे काम करता है? (How does an Inductor work?)
इंडक्टर का काम फैराडे के नियम (Faraday’s Law) और लेंज के नियम (Lenz’s Law) पर आधारित है।
- जब करंट बहता है (When Current Flows): जब इंडक्टर से करंट गुजरता है, तो इसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) बन जाता है। यह चुंबकीय क्षेत्र ऊर्जा को Store कर लेता है।
- जब करंट बदलता है (When Current Changes):
- करंट बढ़ने पर: इंडक्टर इस बढ़ते हुए करंट का विरोध करता है और उसे धीरे-धीरे बढ़ने देता है।
- करंट घटने पर: इंडक्टर में जमा चुंबकीय ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में बदल जाती है और यह करंट के घटने का विरोध करते हुए करंट को बहाए रखने की कोशिश करता है।
सरल उदाहरण: इंडक्टर की तुलना एक भूरा हुआ फ्लाईव्हील (Heavy Flywheel) से की जा सकती है। जैसे फ्लाईव्हील को घुमाने में समय लगता है, लेकिन एक बार घूमने लगे तो उसे रोकने में भी समय लगता है। ठीक वैसे ही इंडक्टर करंट के बदलाव को Smooth करता है।
इंडक्टर के प्रकार (Types of Inductors)
इंडक्टर को मुख्य रूप से उनके कोर (Core) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है:
1. एयर कोर इंडक्टर (Air Core Inductor)
- कोर: हवा (Air)
- विशेषता: बहुत कम Inductance, कोर Loss नहीं होती, High Frequency के लिए अच्छा।
- उपयोग: Radio Frequency (RF) Applications, ट्यूनिंग सर्किट।
2. आयरन कोर इंडक्टर (Iron Core Inductor)
- कोर: लोहा (Iron) के पतले पटल (Laminations)
- विशेषता: High Inductance, High Power Handling।
- उपयोग: Audio Equipment, Power Supplies, Filters।
3. फेराइट कोर इंडक्टर (Ferrite Core Inductor)
- कोर: फेराइट (Ferrite – एक चुंबकीय पदार्थ)
- विशेषता: बहुत Common, High Frequency पर अच्छा Performance।
- उपयोग: Switch Mode Power Supplies (SMPS), EMI Filtering।
4. टोरॉयडल इंडक्टर (Toroidal Inductor)
- आकार: डोनट (Donut) के आकार का।
- विशेषता: Magnetic Flux Leakage बहुत कम होता है, Efficient।
- उपयोग: High-Performance Power Supplies, Amplifiers।
5. चोक (Choke)
- विशेष उपयोग: AC करंट में रुकावट डालने के लिए, लेकिन DC करंट को आसानी से जाने देता है।
- उपयोग: Power Supply Filters में।
इंडक्टर के मुख्य उपयोग (Applications of Inductors)
- फिल्टरिंग (Filtering): Capacitor के साथ मिलकर LC Filter बनाना, जो AC और DC सिग्नल को अलग करता है।
- पावर सप्लाई (Power Supplies): SMPS में Input और Output Filtering के लिए।
- ट्यूनिंग (Tuning): Radio और TV Receivers में desired Frequency को Select करने के लिए Capacitor के साथ use होता है।
- ट्रांसफॉर्मर (Transformers): Transformer का प्राथमिक और द्वितीयक कुंडली दोनों ही Inductors होते हैं।
- इंडक्शन मोटर (Induction Motors): AC Motors का काम Inductance के सिद्धांत पर ही होता है।
- नॉइस सप्रेशन (Noise Suppression): Ferrite Beads के रूप में, Cables में High Frequency Noise को रोकने के लिए।
इंडक्टर के Series और Parallel Connection
- Series Connection: कुल Inductance, सभी Inductances के जोड़ के बराबर होती है।
- Ltotal = L1 + L2 + L3 + …
- Parallel Connection: कुल Inductance का reciprocal, सभी Inductances के reciprocals के जोड़ के बराबर होता है।
- 1/Ltotal = 1/L1 + 1/L2 + 1/L3 + …
ध्यान रखने योग्य बातें (Important Points)
- इंडक्टर DC करंट को आसानी से पास कर देता है (सिर्फ तार का Resistance रह जाता है)।
- इंडक्टर AC करंट का विरोध करता है। AC Frequency जितनी High होगी, विरोध (Inductive Reactance – XL) उतना ही ज्यादा होगा।
- सूत्र: XL = 2πfL
- (जहाँ f = frequency, L = Inductance)
उम्मीद है, यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी