SELECTOR SWITCH क्या है? (What is a Selector Switch?)

बिल्कुल! SELECTOR SWITCH के बारे में हिंदी में विस्तार से समझते हैं।

SELECTOR SWITCH क्या है? (What is a Selector Switch?)

Selector Switch एक मैनुअल ऑपरेटेड कंट्रोल डिवाइस है जिसका उपयोग किसी electrical circuit के ऑपरेशन के तरीके (Mode of Operation) को चुनने (Select) के लिए किया जाता है।

इसे घुमाने (Rotate) पर यह अलग-अलग सर्किट्स को जोड़ता और तोड़ता है, जिससे मशीन के काम करने के तरीके बदल जाते हैं। इसे रोटरी स्विच (Rotary Switch) भी कहा जाता है।

मुख्य उद्देश्य: किसी मशीन (जैसे मोटर, पंप, कन्वेयर) को अलग-अलग स्थितियों में चलाना, जैसे:

  • ON / OFF करना
  • FORWARD / REVERSE दिशा बदलना
  • AUTO / MANUAL मोड चुनना
  • HIGH / MEDIUM / LOW स्पीड चुनना

Selector Switch कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Selector Switches)

Selector Switches मुख्य रूप से दो आधारों पर वर्गीकृत किए जाते हैं:

1. ऑपरेशन के आधार पर (Based on Operation):

  • 2-पोजिशन सिलेक्टर स्विच (2-Position):
    • इसमें केवल दो विकल्प होते हैं, जैसे ON-OFF, START-STOP, HAND-OFF-AUTO.
    • उदाहरण: एक पंप को चालू या बंद करने के लिए।
  • 3-पोजिशन सिलेक्टर स्विच (3-Position):
    • इसमें तीन विकल्प होते हैं, जैसे FORWARD-OFF-REVERSE, HIGH-OFF-LOW, MANUAL-OFF-AUTO.
    • उदाहरण: एक मोटर की दिशा आगे, बंद या पीछे करने के लिए।

2. कॉन्टैक्ट अरेंजमेंट के आधार पर (Based on Contact Arrangement):

यह सबसे महत्वपूर्ण वर्गीकरण है। इसे पोल (Pole) और वे (Way/Position) से दर्शाया जाता है।

  • पोल (Pole): यह स्विच के अंदर मूव करने वाले कॉन्टैक्ट्स के सेट की संख्या है। यह बताता है कि स्विच एक साथ कितने अलग-अलग सर्किट्स को कंट्रोल कर सकता है।
  • थ्रो (Throw) या वे (Way): यह प्रत्येक पोल के लिए उपलब्ध कनेक्शन पॉइंट्स (आउटपुट टर्मिनल्स) की संख्या है।

इनके combination से प्रमुख प्रकार बनते हैं:

  • SPST (Single Pole Single Throw): एक पोल और एक वे। यह साधारण ON-OFF स्विच की तरह काम करता है।
  • SPDT (Single Pole Double Throw): एक पोल और दो वे। इसके एक common टर्मिनल से दो अलग-अलग आउटपुट जुड़े होते हैं। यह एक सर्किट को दो other सर्किट्स में से किसी एक से जोड़ता है।
  • DPDT (Double Pole Double Throw): दो पोल और प्रत्येक पोल के दो-दो वे। यह एक साथ दो अलग-अलग सर्किट्स को कंट्रोल कर सकता है। मोटर की फॉरवर्ड-रिवर्स डायरेक्शन के लिए यही स्विच इस्तेमाल होता है।
  • 3-Position Selector Switch: यह ऊपर बताए गए स्विचों का ही एक version है जिसमें बीच में एक OFF या न्यूट्रल पोजिशन भी होती है, जैसे ON-OFF-ON।

Input-Output के कितने Terminal होते हैं? (Number of Input-Output Terminals)

Selector Switch के टर्मिनलों की संख्या उसके पोल और वे/पोजिशन की संख्या पर निर्भर करती है।

  • इनपुट टर्मिनल (Input Terminals): इन्हें कॉमन (Common or C) टर्मिनल कहते हैं। प्रत्येक पोल का एक कॉमन टर्मिनल होता है। यह वह टर्मिनल है जहाँ पर पावर सप्लाई (Input) दी जाती है।
  • आउटपुट टर्मिनल (Output Terminals): इन्हें नॉर्मली ओपन (NO) या वे (Way) टर्मिनल कहते हैं। ये वे टर्मिनल हैं जहाँ से आउटपुट लिया जाता है। प्रत्येक पोल के लिए, आउटपुट टर्मिनलों की संख्या ‘वे’ (Way) की संख्या के बराबर होती है।

उदाहरण के लिए:

  1. एक SPDT (ON-OFF-ON) Selector Switch:
    • कुल टर्मिनल: 3
    • इनपुट (कॉमन) टर्मिनल: 1
    • आउटपुट (वे) टर्मिनल: 2 (एक ON पोजिशन के लिए, दूसरा दूसरे ON पोजिशन के लिए)
  2. एक DPDT (FORWARD-OFF-REVERSE) Selector Switch:
    • कुल टर्मिनल: 6 (2 पोल × 3 टर्मिनल प्रति पोल)
    • इनपुट (कॉमन) टर्मिनल: 2 (हर पोल के लिए एक)
    • आउटपुट (वे) टर्मिनल: 4 (हर पोल के लिए 2-2)

ध्यान रखें: ज्यादातर industrial selector switches के साथ एक ऑपरेटिंग नॉब और एक कॉन्टैक्ट ब्लॉक होता है। नॉब को घुमाने पर ब्लॉक के अंदर के कॉन्टैक्ट्स अलग-अलग टर्मिनलों से जुड़ते-छूटते हैं, जिससे सर्किट का मोड बदलता है।

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