कैपेसिटर क्या है? (What is a Capacitor?)

बिल्कुल! आइए कैपेसिटर (Capacitor) के बारे में विस्तार से समझते हैं।

कैपेसिटर क्या है? (What is a Capacitor?)

कैपेसिटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट है जो बिजली की charge (आवेश) को store (जमा) करके रखता है और जरूरत पड़ने पर छोड़ता है।

सीधे और सरल शब्दों में: कैपेसिटर एक छोटी बैटरी की तरह होता है। यह बहुत थोड़े समय के लिए बिजली को store करके रख सकता है। जैसे ही सर्किट को जरूरत होती है, यह तुरंत उस charge को वापस सर्किट में दे देता है।

उदाहरण: एक छोटे से पानी के टैंक की कल्पना करें जो पाइपलाइन में लगा हो। यह पानी के प्रवाह को smooth करता है। ठीक इसी तरह, कैपेसिटर बिजली के प्रवाह को smooth करता है।


कैपेसिटर कैसे काम करता है? (How does a Capacitor work?)

इसकी बनावट बहुत सरल है। इसमें दो Conductive Plates (चालक प्लेटें) होती हैं और उनके बीच में एक Insulator (डाइइलेक्ट्रिक) होता है (जैसे हवा, प्लास्टिक, सिरेमिक)।

  1. जब कैपेसिटर को बैटरी से जोड़ा जाता है, तो एक प्लेट पर इलेक्ट्रॉन्स (Electrons) जमा होने लगते हैं (Negative Charge)।
  2. दूसरी प्लेट से इलेक्ट्रॉन्स निकल जाते हैं, जिससे वहां Positive Charge बन जाता है।
  3. दोनों प्लेट्स के बीच का insulator इलेक्ट्रॉन्स को एक प्लेट से दूसरी प्लेट पर जाने से रोकता है, जिससे charge store हो जाता है।
  4. जब सर्किट में करंट कम होता है, तो कैपेसिटर अपना stored charge छोड़कर करंट को सहारा देता है।

कैपेसिटर के प्रकार (Types of Capacitors)

कैपेसिटर मुख्य रूप से Polarized और Non-Polarized दो प्रकार के होते हैं। इसके अलावा उनकी बनावट और डाइइलेक्टric के आधार पर भी इन्हें बांटा जाता है।

1. Polarized Capacitors (ध्रुवीय संधारित्र)

इन कैपेसिटर्स में Positive (+ve) और Negative (-ve) टर्मिनल तय होते हैं। इन्हें सर्किट में सही दिशा में ही लगाना जरूरी होता है, नहीं तो ये गर्म होकर फट सकते हैं।

  • इलेक्ट्रोलाइटिक कैपेसिटर (Electrolytic Capacitor):
    • पहचान: सिलिंडर (बेलन) के आकार का, अक्सर अल्युमीनियम का बना होता है। इस पर (+) और (-) का निशान होता है।
    • विशेषता: High Capacitance Value (कई microFarad से लेकर Farad तक)।
    • उपयोग: Power Supply circuits में Filtering के लिए (AC को Smooth DC में बदलने के लिए), Audio systems में।
  • टेंटेलम कैपेसिटर (Tantalum Capacitor):
    • पहचान: छोटा, ड्रॉप के आकार का। इनकी efficiency अच्छी होती है।
    • विशेषता: Electrolytic की तुलना में छोटे size में high capacitance, लेकिन ज्यादा voltage सहन नहीं कर पाते।
    • उपयोग: Laptops, Mobiles, Military equipment जैसे छोटे और sensitive devices में।

2. Non-Polarized Capacitors (अध्रुवीय संधारित्र)

इन कैपेसिटर्स में कोई ध्रुव (Polarity) नहीं होता। इन्हें सर्किट में किसी भी दिशा में लगाया जा सकता है।

  • सिरेमिक कैपेसिटर (Ceramic Capacitor):
    • पहचान: छोटा, डिस्क के आकार का, भूरे, नीले या पीले रंग का।
    • विशेषता: बहुत सस्ते, low capacitance value (picoFarad से microFarad तक), high frequency के लिए अच्छे।
    • उपयोग: हर जगह! LED circuits, timing circuits, noise suppression, coupling और decoupling के लिए।
  • फिल्म कैपेसिटर (Film Capacitor):
    • पहचान: आयताकार, चपटे, विभिन्न रंगों के।
    • विशेषता: Stable, reliable, low tolerance।
    • उपयोग: High frequency applications, audio circuits, power electronics।
  • माइका कैपेसिटर (Mica Capacitor):
    • विशेषता: बहुत ही सटीक (High Precision) और stable।
    • उपयोग: Radio frequency (RF) circuits, resonance circuits।

3. Variable Capacitors (परिवर्तनीय संधारित्र)

इनकी Capacitance Value को घुमाकर बदला जा सकता है।

  • उपयोग: पुराने रेडियो में station tune करने के लिए (ट्यूनिंग), frequency adjustment in RF circuits.

कैपेसिटर के मुख्य उपयोग (Applications of Capacitors)

  1. Power Supply Smoothing (Filtering): AC को DC में बदलने के बाद, उसमें बची हुई छोटी-छोटी तरंगों (ripples) को smooth करने के लिए। (Electrolytic Capacitor)
  2. Timing Circuits: Resistor के साथ मिलकर, किसी circuit के ON/OFF होने का time निर्धारित करना। जैसे LED Blink करना।
  3. Coupling और Decoupling:
    • Coupling: एक circuit के AC सिग्नल को दूसरे circuit में pass करना, लेकिन DC सिग्नल को रोकना।
    • Decoupling: किसी chip के पास लगाकर, उसे sudden power demands के लिए तैयार रखना और noise को कम करना। (Ceramic Capacitor)
  4. Energy Storage: कैमरों के फ्लैश, LASER, heart defibrillators जैसे devices में ऊर्जा जमा करने और एक ही झटके में छोड़ने के लिए।
  5. Motor Starters: Single Phase मोटर्स को शुरुआती torque देने के लिए।
  6. Signal Filtering: किसी specific frequency के सिग्नल को pass या block करने के लिए।

महत्वपूर्ण पैरामीटर्स (Important Parameters)

  • Capacitance (C): Charge store करने की क्षमता। इसकी unit Farad (F) है। (microFarad – µF, picoFarad – pF)
  • Voltage Rating (V): कैपेसिटर के खराब हुए बिना सहन कर सकने वाली अधिकतम वोल्टेज।
  • Tolerance: Capacitance value में होने वाला possible variation (जैसे ±10%)।

नोट: कैपेसिटर AC करंट को तो pass करता है लेकिन DC करंट को block कर देता है। इस गुण का use करके ही यह सिग्नल को couple और filter कर पाता है।

उम्मीद है, यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top