बिल्कुल! टाइमर के बारे में हिंदी में पूरी जानकारी यहाँ है।
टाइमर कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Timers)
मुख्य रूप से टाइमर दो प्रकार के होते हैं, लेकिन आमतौर पर हम निम्नलिखित चार प्रकारों का उपयोग करते हैं:
1. ON-डिले टाइमर (ON-Delay Timer):
- कैसे काम करता है: जब इसकी कॉइल को सप्लाई दी जाती है, तो यह अपना सेट किया हुआ समय गिनना शुरू करता है। समय पूरा होने के बाद ही इसके कॉन्टैक्ट्स (NO/NC) अपनी स्थिति बदलते हैं।
- उदाहरण: स्टार-डेल्टा स्टार्टर में इसी का use होता है। स्टार्ट बटन दबाते ही टाइमर गिनना शुरू कर देता है, 10 सेकंड बाद स्टार कॉन्टैक्टर को बंद करके डेल्टा कॉन्टैक्टर को चालू कर देता है।
2. OFF-डिले टाइमर (OFF-Delay Timer):
- कैसे काम करता है: जब इसकी कॉइल को सप्लाई दी जाती है, तो यह तुरंत अपने कॉन्टैक्ट्स की स्थिति बदल देता है। लेकिन जब कॉइल की सप्लाई बंद की जाती है, तो यह सेट समय तक अपने कॉन्टैक्ट्स को बदली हुई अवस्था में ही बनाए रखता है, उसके बाद ही वे कॉन्टैक्ट्स अपनी असली अवस्था में वापस आते हैं।
- उदाहरण: कन्वेयर बेल्ट, कूलिंग फैन में जहाँ मशीन बंद करने के बाद भी कुछ देर तक ऑपरेशन चलता रहे।
3. स्टार-डेल्टा टाइमर (Star-Delta Timer):
- कैसे काम करता है: यह खासकर स्टार-डेल्टा स्टार्टर के लिए ही बना होता है। इसमें अंदर ही दो अलग-अलग समय (स्टार टाइम और चेंज-ओवर टाइम) सेट करने का option होता है। इसके contacts इस तरह से arranged होते हैं कि यह automatically पहले स्टार कॉन्टैक्टर को operate करता है और time complete होने पर उसे बंद करके डेल्टा कॉन्टैक्टर को चालू कर देता है।
4. फ्लैशर टाइमर (Flasher Timer):
- कैसे काम करता है: यह टाइमर लगातार ON-OFF होता रहता है। जैसे ही इसकी coil को supply मिलती है, यह set on-time और off-time के हिसाब से अपने contacts को toggle करता रहता है।
- उदाहरण: इंडिकेटर लाइट्स, warning lamps को blink कराने के लिए।
स्टार-डेल्टा स्टार्टर में आम तौर पर हम सिर्फ ON-डिले टाइमर या फिर स्टार-डेल्टा टाइमर का ही use करते हैं।
टाइमर के कितने और कौन-कौन से टर्मिनल होते हैं? (Timer Terminals)
एक आम 8-पिन वाले टाइमर के 8 टर्मिनल (पिन) होते हैं। इन पिनों को numbers से पहचाना जाता है।
टाइमर के टर्मिनल दो हिस्सों में बंटे होते हैं:
- कॉइल टर्मिनल (Coil Terminals): जिन्हें supply दी जाती है टाइमर को चलाने के लिए।
- कॉन्टैक्ट टर्मिनल (Contact Terminals): जो load को control करते हैं।
एक आम 8-पिन ON-डिले टाइमर के निम्नलिखित टर्मिनल होते हैं:
| पिन नंबर | टर्मिनल का नाम / काम |
|---|---|
| 1 & 3 | टाइमर कॉइल (A1 & A2): इन दो पिनों पर कंट्रोल सप्लाई (जैसे 230V AC) लगाई जाती है। यही वो सप्लाई है जिसकी वजह से टाइमर activate होता है और counting शुरू करता है। |
| 2 & 7 | पावर सप्लाई (Voltage Range): कई टाइमर में कॉइल को सप्लाई देने के लिए ये अलग पिन होती हैं, लेकिन आम तौर पर A1-A2 ही use होते हैं। |
| 4 & 8 | नॉर्मली ओपन (NO) कॉन्टैक्ट: जब टाइमर को सप्लाई नहीं होती, तब यह कॉन्टैक्ट खुला (Open) रहता है। जब टाइमर का सेट टाइम पूरा हो जाता है, तब यह कॉन्टैक्ट बंद (Close) हो जाता है। |
| 5 & 8 | कॉमन (COM) कॉन्टैक्ट: यह NO और NC दोनों कॉन्टैक्ट्स का common टर्मिनल होता है। |
| 6 & 8 | नॉर्मली क्लोज्ड (NC) कॉन्टैक्ट: जब टाइमर को सप्लाई नहीं होती, तब यह कॉन्टैक्ट बंद (Close) रहता है। जब टाइमर का सेट टाइम पूरा हो जाता है, तब यह कॉन्टैक्ट खुला (Open) हो जाता है। |
नोट: पिन नंबर 8 आम तौर पर दोनों NO (4-8) और NC (6-8) कॉन्टैक्ट्स का कॉमन टर्मिनल होता है।
किस टर्मिनल में कौन सी वायरिंग करते हैं? (Wiring Connection)
चलिए, एक ON-डिले टाइमर की वायरिंग का उदाहरण लेते हैं जो स्टार-डेल्टा स्टार्टर में use होता है।
मान लीजिए आपके पास एक 8-पिन ON-डिले टाइमर है।
टाइमर की कंट्रोल सप्लाई (कॉइल) की वायरिंग:
- टाइमर को चलाने के लिए, उसकी कॉइल (पिन नंबर A1 या 1) को कंट्रोल सप्लाई के फेज़ (L1) से connect करें।
- उसी कॉइल के दूसरे टर्मिनल (पिन नंबर A2 या 3) को कंट्रोल सप्लाई के न्यूट्रल (N) से connect करें।
- जब आप स्टार्ट बटन दबाएंगे, तो यह कंट्रोल सर्किट complete होगा और टाइमर की कॉइल को सप्लाई मिलेगी। टाइमर अपनी counting शुरू कर देगा।
टाइमर के कॉन्टैक्ट्स की वायरिंग (स्टार-डेल्टा उदाहरण):
- स्टार-डेल्टा स्टार्टर में, टाइमर का NC कॉन्टैक्ट (पिन 6-8) use होता है स्टार कॉन्टैक्टर को control करने के लिए।
- टाइमर का NO कॉन्टैक्ट (पिन 4-8) use होता है डेल्टा कॉन्टैक्टर को control करने के लिए।
वायरिंग का तरीका:
- स्टार कॉन्टैक्टर की कॉइल के लिए:
- कंट्रोल सप्लाई, टाइमर के NC कॉन्टैक्ट (पिन नंबर 6) से होकर जाएगी।
- टाइमर के कॉमन (पिन नंबर 8) से तार निकाल कर स्टार कॉन्टैक्टर की कॉइल में जाएगी।
- जब टाइमर off होगा: NC कॉन्टैक्ट (6-8) बंद रहेगा, इसलिए स्टार कॉन्टैक्टर चालू रहेगा।
- जब टाइमर का टाइम complete होगा: NC कॉन्टैक्ट (6-8) खुल जाएगा, जिससे स्टार कॉन्टैक्टर बंद हो जाएगा।
- डेल्टा कॉन्टैक्टर की कॉइल के लिए:
- कंट्रोल सप्लाई, टाइमर के NO कॉन्टैक्ट (पिन नंबर 4) से होकर जाएगी।
- टाइमर के कॉमन (पिन नंबर 8) से तार निकाल कर डेल्टा कॉन्टैक्टर की कॉइल में जाएगी।
- जब टाइमर off होगा: NO कॉन्टैक्ट (4-8) खुला रहेगा, इसलिए डेल्टा कॉन्टैक्टर बंद रहेगा।
- जब टाइमर का टाइम complete होगा: NO कॉन्टैक्ट (4-8) बंद हो जाएगा, जिससे डेल्टा कॉन्टैक्टर को सप्लाई मिलेगी और वह चालू हो जाएगा।
नोट: हमेशा टाइमर के nameplate और उसके साथ आए wiring diagram को देखकर ही connection करें। हर company के टाइमर का pin configuration थोड़ा अलग हो सकता है।
समझने का तरीका:
टाइमर एक छोटा सा आदमी है जिसे आपने 10 सेकंड के लिए बोला कि “10 गिन, उसके बाद यह काम करना”। उसने 10 गिनने शुरू किए। 10 सेकंड तक उसका NC कॉन्टैक्ट बंद रहा (स्टार on) और NO कॉन्टैक्ट खुला रहा (डेल्टा off)। 10 सेकंड बाद उसने अपना NC कॉन्टैक्ट खोल दिया (स्टार off) और NO कॉन्टैक्ट बंद कर दिया (डेल्टा on)।