IGBT क्या है? (What is IGBT?)

बिल्कुल! IGBT एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पावरफुल इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

IGBT क्या है? (What is IGBT?)

IGBT का पूरा नाम है इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांजिस्टर (Insulated Gate Bipolar Transistor)

सीधे शब्दों में: IGBT एक ऐसा सेमीकंडक्टर डिवाइस है जो दो बड़े ट्रांजिस्टरों के सर्वश्रेष्ठ गुणों को मिलाकर बनाया गया है:

  1. MOSFET की तरह इसका नियंत्रण आसान है (वोल्टेज से कंट्रोल होता है, करंट से नहीं)।
  2. BJT की तरह यह बहुत ज्यादा पावर और करंट को handle कर सकता है।

यह एक ऐसा स्विच है जो ऊंचे वोल्टेज और तेज स्पीड की जरूरत वाली जगहों पर इस्तेमाल होता है।


IGBT कैसे दिखता है और इसके Parts क्या हैं?

IGBT आमतौर पर एक मोटे हीटसिंक (Heat Sink) के साथ लगा होता है क्योंकि यह बहुत गर्मी पैदा करता है। इसके तीन मुख्य टर्मिनल (Terminals) होते हैं:

  1. गेट (Gate – G): यह नियंत्रण का टर्मिनल है। MOSFET की तरह, इसे एक छोटे वोल्टेज सिग्नल से कंट्रोल किया जाता है। गेट पर वोल्टेज लगाने से IGBT ON/OFF होता है।
  2. कलेक्टर (Collector – C): यह मुख्य पावर का इनपुट टर्मिनल है। BJT की तरह, यहां से होकर करंट डिवाइस में प्रवेश करता है।
  3. एमिटर (Emitter – E): यह मुख्य पावर का आउटपुट टर्मिनल है। करंट यहां से बाहर निकलता है और लोड (जैसे मोटर) तक जाता है।

चित्र: IGBT का Symbol और टर्मिनल

         C
         |
         |
   G ----|----
         |    |
         |    |
         E

इसके Symbol में MOSFET के गेट और BJT के कलेक्टर-एमिटर को मिला हुआ देख सकते हैं।


IGBT कैसे काम करता है? (How does IGBT work?)

IGBT का काम समझना बहुत आसान है:

  • ON (चालू) होने की स्थिति: जब गेट (G) पर एक निश्चित Positive वोल्टेज (जैसे +15V) दिया जाता है, तो IGBT ON हो जाता है। इस स्थिति में कलेक्टर (C) और एमिटर (E) के बीच एक Conducting Path बन जाता है और करंट बहने लगता है। यह एक बंद स्विच की तरह काम करता है।
  • OFF (बंद) होने की स्थिति: जब गेट (G) पर वोल्टेज हटा दिया जाता है या Zero कर दिया जाता है, तो IGBT OFF हो जाता है। इस स्थिति में कलेक्टर (C) और एमिटर (E) के बीच का रास्ता बंद हो जाता है और करंट का प्रवाह रुक जाता है। यह एक खुले स्विच की तरह काम करता है।

ध्यान रखने वाली बात: IGBT को ON करने के लिए सिर्फ वोल्टेज चाहिए, ज्यादा करंट नहीं। इसलिए इसे Arduino或 Microcontroller जैसे छोटे डिवाइस से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है, भले ही वह सैकड़ों Ampere का करंट Switch कर रहा हो।


IGBT का उपयोग कहाँ होता है? (Applications of IGBT)

IGBT का इस्तेमाल उन जगहों पर होता है जहाँ ऊंचा वोल्टेज (High Voltage), ऊंचा करंट (High Current), और तेज स्पीड (Fast Switching) तीनों की जरूरत होती है।

  1. इन्वर्टर (Inverters): घरों और उद्योगों में लगे इन्वर्टर DC करंट को AC करंट में बदलते हैं, इस काम के लिए IGBT का ही use होता है।
  2. वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव (VFD): बड़ी Industrial मोटर्स की स्पीड और torque को कंट्रोल करने के लिए।
  3. इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles – EVs): इलेक्ट्रिक कारों और बसों में मोटर को कंट्रोल करने और बैटरी के करंट को Manage करने के लिए।
  4. इंडक्शन हीटिंग (Induction Heating): इंडक्शन कुकटॉप में cooking को नियंत्रित करने के लिए।
  5. पावर सप्लाई (Switched-Mode Power Supplies – SMPS): बहुत बड़ी पावर वाली सप्लाइज में।
  6. वेल्डिंग मशीन (Welding Machines): इलेक्ट्रिक वेल्डिंग मशीनों में।

IGBT vs MOSFET vs BJT

फीचरIGBTMOSFETBJT
नियंत्रणवोल्टेज से (आसान)वोल्टेज से (आसान)करंट से (मुश्किल)
पावर क्षमताबहुत ऊंची (High Voltage & High Current)मध्यम (Medium Power)ऊंची (High Current)
स्विचिंग स्पीडतेज (Fast)बहुत तेज (Very Fast)धीमी (Slow)
मुख्य उपयोगHigh Power Applications (इन्वर्टर, VFD, EVs)Medium Power Switching (SMPS, Motor Control)Amplification, Low Power Switching

सरल शब्दों में:

  • अगर आपको बहुत ज्यादा पावर (जैसे 1000V, 100A) Handle करनी है तो IGBT सबसे अच्छा विकल्प है।
  • अगर आपको तेज स्पीड के साथ मध्यम पावर Handle करनी है तो MOSFET बेहतर है।
  • अगर आपको सिग्नल को Amplify करना है या छोटे प्रोजेक्ट्स के लिए स्विच बनाना है तो BJT इस्तेमाल करें।

उम्मीद है, IGBT को लेकर आपकी सभी शंकाएं दूर हो गई होंगी!

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